Ahmedabad News: अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा बयान दिया है। कोर्ट ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पायलट की गलती बताए जाने पर चिंता जताई है। शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि हादसे की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही, जानकारी लीक होने से बचाने पर भी ज़ोर दिया।
जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट दुर्भाग्यपूर्ण है। जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक सभी जानकारी गोपनीय रखनी चाहिए। कोर्ट ने एक काल्पनिक स्थिति का उदाहरण दिया।
अदालत ने कहा कि अगर किसी पायलट को शुरू में ज़िम्मेदार ठहराया जाता है और बाद में वह निर्दोष पाया जाता है, तो इससे उसके परिवार को बहुत दुख होगा। इसलिए जांच पूरी होने तक टुकड़ों में जानकारी सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए। इससे गलत धारणाएं बन सकती हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने पेश होकर तर्क दिए। उन्होंने बताया कि हादसे को सौ दिन से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन अभी तक सिर्फ एक प्रारंभिक रिपोर्ट ही सामने आई है। यह रिपोर्ट पूरी तस्वीर पेश नहीं करती।
भूषण ने जांच टीम की संरचना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जांच टीम में डीडीसीए के तीन अधिकारी शामिल हैं। उनका कहना था कि डीडीसीए की भूमिका पर भी सवाल हो सकते हैं। इसलिए जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होनी चाहिए।
यह याचिका सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन नामक एनजीओ की ओर से दायर की गई है। इसका नेतृत्व कैप्टन अमित सिंह करते हैं। याचिका में एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर गंभीर आपत्ति जताई गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाया गया है। पूरी जिम्मेदारी पायलट पर डाल दी गई है। यह जीने के अधिकार और सही जानकारी पाने के अधिकार का उल्लंघन है।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना का कारण ईंधन कटऑफ स्विच को RUN से CUTOFF पर करना बताया गया था। इससे पायलट की तरफ गलती का संकेत मिलता था। लेकिन याचिका में कहा गया है कि कई अहम डेटा सार्वजनिक नहीं किए गए।
इनमें डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का पूरा आउटपुट शामिल है। साथ ही कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की पूर्ण ट्रांसक्रिप्ट भी नहीं दी गई। इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग डेटा भी सार्वजनिक नहीं किया गया।
यह दुर्घटना 12 जून को अहमदाबाद में हुई थी। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार सभी लोगों और जमीन पर मौजूद लोगों समेत 265 लोगों की मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि वह एक्सपर्ट बॉडी द्वारा स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने के पक्ष में है। आगे की सुनवाई का इंतजार रहेगा।
