Una News: एक कृषि सेवा सहकारी सभा में 2.91 करोड़ रुपये के कथित गबन मामले में निलंबित महिला सचिव को जेल भेज दिया गया है। पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने पर शनिवार को आरोपी को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
जून माह में सभा के मौजूदा प्रबंधक की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। सहकारी सभा अधिनियम की धारा 69(1) के तहत हुई जांच में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ। इस मामले में तत्कालीन सचिव और तत्कालीन उपप्रधान पर आरोप लगे हैं।
मामले का खुलासा
जांच में कुल 2,91,00,371 रुपये के गबन का खुलासा हुआ था। सभा की प्रबंधक कमेटी ने इस गंभीर मामले में कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी। समिति ने कार्यवाही पुस्तिका संख्या 186/25-26 में प्रस्ताव पारित कर पुलिस को शिकायत सौंपी थी। इसके बाद पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू की।
गहन जांच के बाद पुलिस ने पांच अक्टूबर को निलंबित महिला सचिव को गिरफ्तार किया था। आरोपी को पुलिस रिमांड पर लिया गया था। रिमांड अवधि समाप्त होने पर उसे अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आगे की जांच के लिए आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया।
दूसरा आरोपी फरार
इस प्रकरण में शामिल दूसरा आरोपी अभी तक भूमिगत बना हुआ है। पुलिस टीमें उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। तत्कालीन उपप्रधान के खिलाफ भी गबन के गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस का मानना है कि दोनों आरोपियों ने मिलकर यह घोटाला किया।
पुलिस ने मामले की गहन जारी रखी है। वित्तीय दस्तावेजों की जांच की जा रही है। बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस ने सहकारी सभा के पुराने रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। इन रिकॉर्ड से घोटाले के नए पहलू सामने आने की उम्मीद है।
सहकारी समिति की कार्रवाई
सहकारी सभा की प्रबंधक कमेटी ने घोटाले का पता चलते ही त्वरित कार्रवाई की। कमेटी ने आंतरिक जांच के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। समिति ने वित्तीय अनियमितताओं की रोकथाम के लिए नए सुरक्षा उपाय भी लागू किए हैं। लेखा प्रणाली में सुधार किया गया है।
सहकारी सभा के सदस्यों ने इस घोटाले पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने त्वरित न्याय की मांग की है। सदस्य चाहते हैं कि गबन किए गए धन की वसूली की जाए। सभा का प्रबंधन अब नए सिरे से व्यवस्थित किया जा रहा है।
पुलिस जांच जारी
पुलिस ने मामले की गहन जांच जारी रखी है। वित्तीय विशेषज्ञों की मदद से लेनदेन के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। आरोपियों के बैंक खातों का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस को आशा है कि जल्द ही दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तय की है। इस बीच पुलिस आरोपियों के खिलाफ सबूतों का संग्रह जारी रखेगी। वित्तीय घोटाले के मामले में यह एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सहकारी क्षेत्र में ऐसे मामलों पर नियंत्रण जरूरी है।
