Uttar Pradesh News: आगरा पुलिस ने बेरोजगार युवाओं को विदेश में बेचने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने उन्नाव और इंदौर के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी देश के विभिन्न हिस्सों से बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया और थाईलैंड भेजते थे।
एडीसीपी आदित्य सिंह ने बताया कि युवाओं के लापता होने की शिकायतों के बाद साइबर क्राइम सेल ने जांच शुरू की। जांच में उन्नाव के आतिफ खान और इंदौर के अजय कुमार शुक्ला पर शक हुआ। दोनों को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की गई। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
प्रति युवा 3500 डॉलर में होता था सौदा
आरोपियों ने बताया कि वे प्रति युवा के 3500 डॉलर लेते थे। विदेश में मानव तस्करी का यह नेटवर्क बहुत बड़ा है। खरीदे गए युवाओं को साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी जाती थी। उन्हें डिजिटल अरेस्ट और अन्य साइबर अपराधों में प्रशिक्षित किया जाता था।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद युवाओं को साइबर ठगी के गैंग में शामिल कर लिया जाता था। आरोपियों ने अब तक 50 से अधिक युवाओं को विदेश भेजने का स्वीकार किया है। पुलिस अन्य सहयोगियों की तलाश में जुट गई है।
नौकरी के झांसे में फंसाए जाते थे युवा
यह गैंग देश भर के बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था। वे उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी का लालच देते थे। जब युवा उनकी बातों में आ जाते तो उनके पासपोर्ट और वीजा की व्यवस्था करते। फिर उन्हें कंबोडिया और थाईलैंड भेज दिया जाता था।
विदेश पहुंचने के बाद युवाओं के पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे। उन्हें जबरन साइबर अपराधों में लगाया जाता था। युवा वहां से भागने की स्थिति में भी नहीं होते थे क्योंकि उनके पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं होते थे।
पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क बहुत बड़ा है और कई देशों में फैला हुआ है। भारत के अलावा अन्य देशों के युवाओं को भी इसी तरह फंसाया जाता है। साइबर अपराधों के लिए यह तरीका बहुत खतरनाक साबित हो रहा है।
पुलिस ने की विस्तृत जांच शुरू
आगरा पुलिस ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय से भी संपर्क किया जा रहा है। फंसे हुए युवाओं को वापस लाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। कई और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
यह मामला बेरोजगार युवाओं के शोषण की गंभीर स्थिति को उजागर करता है। पुलिस ने युवाओं से सचेत रहने की अपील की है। उन्हें बिना सत्यापन के विदेश नौकरी के प्रस्तावों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। सरकारी चैनलों के माध्यम से ही विदेश नौकरी के अवसर तलाशने चाहिए।
