Uttar Pradesh News: प्रयागराज के झलवा निवासी और प्रतापगढ़ के बिहार ब्लॉक में तैनात ग्राम पंचायत कर्मचारी आलोक मौर्य ने एक नेक पहल की है। अपनी पत्नी ज्योति मौर्य को पढ़ा-लिखाकर एसडीएम बनाने के बाद विवादों में आए आलोक ने अब दो गरीब बच्चियों को अफसर बनाने का संकल्प लिया है।
गरीब बच्चियों को मिला सपना देखने का मौका
15 अगस्त को आलोक मौर्य ने बिहार ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गोगौर की दो छात्राओं – अलखनंदा और रश्मि को गोद लिया है। कक्षा चार में पढ़ने वाली ये दोनों बच्चियां अत्यंत गरीब परिवार से हैं। अलखनंदा के पिता का निधन हो चुका है। आलोक ने इन बच्चियों को उच्च शिक्षा दिलाने और आईएएस/पीसीएस की तैयारी कराने का वादा किया है।
विवाद के बाद लिया बड़ा फैसला
आलोक मौर्य बताते हैं कि पत्नी ज्योति मौर्य से विवाद के बाद क्षेत्र में कई लोगों ने अपनी पत्नियों को पढ़ाना बंद कर दिया था। इससे ग्रामीण महिलाओं को गलत संदेश मिल रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए आलोक ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
डिजिटल शिक्षा पर जोर
आलोक मौर्य डिजिटल शिक्षा और टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाते हैं। वे युवाओं को शिक्षा और जागरूकता के लिए प्रेरित करने का भी काम करते हैं। उनका मानना है कि देश तभी तरक्की करेगा जब हर नागरिक शिक्षित होगा और अपनी जिम्मेदारियों को समझेगा।
