शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

अफगानिस्तान-पाकिस्तान: सीमा पर ताजा झड़प, टैंक और ड्रोन हमले से बढ़ा तनाव; जानें अब कैसे हैं हालात

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World News: अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर मंगलवार रात फिर भीषण झड़प हुई। खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जोरदार गोलीबारी हुई। इस संघर्ष में दोनों ओर से टैंकों के इस्तेमाल की खबर है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर सीमा पार से हमला करने का आरोप लगा रहे हैं।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार अफगान तालिबान ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू की। पाकिस्तानी सेना ने इसका पूरी ताकत से जवाब दिया। सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान के हमले में कई तालिबान चौकियों को नुकसान पहुंचा। तालिबानी चौकियों से आग की लपटें उठती देखी गईं।

दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे

पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में एक तालिबानी टैंक नष्ट हो गया। हमलावर अपनी चौकियां छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। पाकिस्तानी सेना ने एक और गतिशील अफगान टैंक को निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं।

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वहीं अफगान समर्थित स्रोतों ने अलग दावे किए। एक वीडियो में तालिबान के ड्रोन को पाकिस्तानी सैन्य अड्डे पर विस्फोटक गिराते देखा गया। अफगानिस्तान डिफेंस हैंडल ने दावा किया कि सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। अफगान फोर्स ने पाकिस्तान में खतरनाक स्थानों को निशाना बनाया।

तालिबान की मांग और एकजुटता

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से आईएसआईएस खुरासान के नेताओं को सौंपने की मांग की। प्रवक्ता ने कहा कि ये नेता पाकिस्तान में रहकर अफगानिस्तान पर हमले की योजना बना रहे हैं। मांगे गए नेताओं में शहाब अल-मुहाजिर और अब्दुल हकीम तौहीदी शामिल हैं।

इस बीच अफगानिस्तान में टीटीपी के दो गुट पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट हो गए। कुर्रम जिले के मुफ्ती अब्दुर रहमान और तिराह घाटी के कमांडर शेर खान ने एकता की घोषणा की। दोनों कमांडरों ने टीटीपी नेता मुफ्ती नूर वली महसूद के प्रति निष्ठा जताई।

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डूरंड रेखा का ऐतिहासिक विवाद

दोनों देशों के बीच 2640 किलोमीटर लंबी डूरंड रेखा विवाद का कारण बनी हुई है। यह सीमा 1893 में ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच तय हुई थी। सर हेनरी मोर्टिमर डूरंड और अमीर अब्दुर रहमान के बीच समझौता हुआ था।

अफगानिस्तान इस सीमा को वैध नहीं मानता। उसका कहना है कि यह समझौता ब्रिटिश दबाव में हुआ था। डूरंड रेखा पश्तून जनजातियों को विभाजित करती है। यह जनजातियां अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों में रहती हैं।

पहले भी हुआ था संघर्ष विराम

इससे पहले सऊदी अरब और कतर के हस्तक्षेप से लड़ाई रुकी थी। पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि सीमा पर तनाव बना हुआ है। कभी भी लड़ाई भड़क सकती है। उनकी भविष्यवाणी के ठीक बाद मंगलवार रात झड़प शुरू हो गई।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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