Himachal News: ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल में एक दर्दनाक हादसा हो गया है। ग्राम पंचायत सुकड़ियाल के तूतडु गाँव में एक छोटी बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में डूबने से मौत हो गई। यह घटना एक प्रवासी मजदूर परिवार के साथ हुई है। मृतका माहिरा नाम की नन्ही बच्ची थी जो अपने भाई के साथ खेल रही थी।
बच्ची के माता-पिता कुनाल कुमार और ममता कुमारी मूल रूप से बिहार के लखीसराय जिले के रहने वाले हैं। वे तूतडु गाँव में रहकर मजदूरी का काम करते हैं। माहिरा के अचानक गायब होने से पूरे परिवार में सदमा है। परिवार वाले बच्ची की तलाश में लग गए थे।
बच्ची का गायब होना
माहिरा की माँ ममता कुमारी ने बताया कि बच्ची अपने भाई के साथ घर पर खेल रही थी। कुछ ही देर में जब बच्ची नजर नहीं आई तो परिवार ने उसे आसपास खोजना शुरू कर दिया। काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्ची का कोई पता नहीं चला तो परिवार ने पंचायत उपप्रधान को सूचना दी। यह सूचना दोपहर लगभग एक बजे के बाद दी गई।
पंचायत प्रतिनिधियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस के आने के बाद तलाश का दायरा बढ़ाया गया। गाँव वालों और पुलिस ने मिलकर बच्ची को ढूंढने का प्रयास किया। दुर्भाग्य से बच्ची का शव देर शाम को मिला।
खड्ड में मिला शव
बच्ची का निष्प्राण शरीर घर से करीब 500 मीटर दूर बहने वाली मसेह खड्ड के पानी में डूबा हुआ मिला। यह दृश्य देखकर माता-पिता और गाँव वालों का कलेजा फट गया। बच्ची की मौत ने पूरे गाँव में शोक की लहर दौड़ा दी। स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं।
पुलिस ने तुरंत फॉरेंसिक टीम को बुलाया। टीम की मौजूदगी में बच्ची के शव को खड्ड से बाहर निकाला गया। पुलिस ने मौके का मुआयना किया और सबूत जुटाए। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
पुलिस की जांच जारी
ऊना पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस गहराई से जांच कर रही है। बच्ची किन परिस्थितियों में घर से इतनी दूर खड्ड तक पहुँची, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस हर संभव पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है।
पुलिस का मानना है कि बच्ची खेलते-खेलते खड्ड तक पहुँच गई होगी। वहाँ से गिरकर उसके डूबने की आशंका है। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों से पूछताछ कर रही है। घटना के सही कारणों का पता लगाया जा रहा है।
परिवार में शोक
इस घटना ने प्रवासी मजदूर परिवार को गहरा सदमा पहुँचाया है। माता-पिता अपनी बेटी की अचानक हुई मौत से स्तब्ध हैं। गाँव वाले भी इस दुखद घटना से दुखी हैं। स्थानीय लोग परिवार के साथ खड़े हैं और उन्हें सहयोग दे रहे हैं।
यह घटना बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। गाँवों में पानी के स्रोतों के पास सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। छोटे बच्चों की निगरानी को लेकर जागरूकता की कमी है। इस तरह की दुर्घटनाएं बच्चों के लिए घातक साबित हो रही हैं।
सुरक्षा के उपाय
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने गाँव में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की है। उनका कहना है कि खड्ड और अन्य पानी के स्रोतों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। छोटे बच्चों की निगरानी को लेकर अभिभावकों को जागरूक करने की जरूरत है।
पुलिस ने लोगों से बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहने की अपील की है। छोटे बच्चों को अकेले न छोड़ने की सलाह दी है। गाँवों में पानी के स्रोतों के पास चेतावनी बोर्ड लगाने की जरूरत है। इससे इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
