Sports News: पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में होने वाले पहले वनडे मैच में टीम संयोजन को लेकर महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की है। चोपड़ा के अनुसार भारत पर्थ की तेज और बाउंसी पिच पर अतिरिक्त बल्लेबाजी गहराई के लिए वाशिंगटन सुंदर को कुलदीप यादव के स्थान पर खिला सकता है। यह आठ मैचों की सफेद गेंद श्रृंखला का पहला मुकाबला होगा।
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में विस्तार से समझाया कि पर्थ की परिस्थितियां बल्लेबाजी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि टीम को शुरुआती ओवरों में तेज गेंदबाजी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में दो-तीन विकेटों के तेजी से गिरने की स्थिति में बल्लेबाजी गहराई की आवश्यकता महसूस होगी।
पर्थ में स्पिन की भूमिका पर सवाल
चोपड़ा ने पर्थ मैदान पर स्पिन गेंदबाजों की भूमिका पर सवाल उठाया। उनका मानना है कि इस वेन्यू पर स्पिनर्स को ज्यादा मदद नहीं मिलती। टीम को छह गेंदबाजों की आवश्यकता होगी इसलिए वाशिंगटन सुंदर बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। हालांकि यह निर्णय सिर्फ पर्थ मैच के लिए हो सकता है।
श्रृंखला के बाद के मैच सिडनी और एडिलेड में खेले जाएंगे। चोपड़ा ने स्पष्ट किया कि अलग-अलग वेन्यू के लिए टीम संयोजन बदला जा सकता है। कुलदीप यादव के लिए यह निर्णय निराशाजनक हो सकता है लेकिन टीम की रणनीति के अनुरूप होगा। चोपड़ा ने इसके लिए खेद जताया।
अक्षर पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण
चोपड़ा ने अक्षर पटेल की नंबर सात की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह स्थान रवींद्र जडेजा के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है। जडेजा का 2027 विश्व कप में शामिल होने का सपना अभी बाकी है। चयनकर्ताओं ने उन्हें यह स्पष्ट कर दिया है कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
अक्षर पटेल का प्रदर्शन जडेजा के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। यदि अक्षर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो टीम प्रबंधन जडेजा की ओर वापस नहीं लौट सकता है। इस प्रकार यह श्रृंखला दोनों खिलाड़ियों के करियर के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। दबाव अक्षर पर होगा।
श्रृंखला का कार्यक्रम
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वनडे मैच 19 अक्टूबर को खेला जाएगा। दूसरा मुकाबला 23 अक्टूबर को होगा जबकि तीसरा और अंतिम वनडे मैच 25 अक्टूबर को खेला जाएगा। सभी मैच ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग शहरों में आयोजित किए जाएंगे। यह श्रृंखला दोनों टीमों के लिए महत्वपूर्ण है।
पर्थ मैदान की पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल मानी जाती है। यहां अतिरिक्त बाउंस और पेस मिलती है जिससे बल्लेबाजों को समस्या हो सकती है। ऐसी परिस्थितियों में टीम मैनेजमेंट बल्लेबाजी क्रम को गहरा देने का विकल्प चुन सकता है। यही कारण है कि वाशिंगटन सुंदर को प्राथमिकता मिल सकती है।
वाशिंगटन सुंदर न केवल एक उपयोगी ऑफ-स्पिन गेंदबाज हैं बल्कि निचले क्रम के मूल्यवान बल्लेबाज भी हैं। उनकी बल्लेबाजी क्षमता टीम को संतुलन बनाने में मदद कर सकती है। कुलदीप यादव विशुद्ध गेंदबाज हैं और उनकी बल्लेबाजी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए टीम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुंदर को वरीयता दे सकती है।
यह निर्णय टीम प्रबंधन की रणनीतिक सोच को दर्शाता है। अलग-अलग परिस्थितियों के लिए अलग-अलग खिलाड़ियों का चयन आधुनिक क्रिकेट की आवश्यकता बन गई है। पर्थ के बाद के मैचों में कुलदीप यादव को फिर से मौका मिल सकता है। यह सब वेन्यू और पिच की स्थितियों पर निर्भर करेगा।
