शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

आधार सीडिंग: 12,292 छात्रों की छात्रवृत्ति अटकी, केंद्र ने दिसंबर तक दी मोहलत

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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के 12,292 अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति की राशि अटक गई है। यह समस्या उनके बैंक खातों का आधार नंबर से लिंक न होने के कारण पैदा हुई है। केंद्र सरकार ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है और राज्य सरकार तथा शैक्षणिक संस्थानों को दिसंबर 2025 तक का समय दिया है। इस अवधि के भीतर सभी लंबित मामलों का निपटारा करना अनिवार्य है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 12 सितंबर को एक पत्र जारी कर राज्यों को चेतावनी दी। पत्र में कहा गया कि छात्रवृत्ति का वितरण रुका हुआ है। हिमाचल प्रदेश में स्थिति विशेष रूप से गंभीर बताई गई है। यहां तीन शैक्षणिक सत्रों के विद्यार्थी इस समस्या से प्रभावित हैं।

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2022-23 सत्र के 3211 विद्यार्थियों को राशि नहीं मिली। 2023-24 सत्र के 3178 और 2024-25 सत्र के 882 विद्यार्थी भी इससे प्रभावित हैं। पोस्ट-मैट्रिक योजना में भी हजारों छात्रों का पैसा अटका हुआ है। सभी के आवेदन पहले ही सत्यापित हो चुके हैं।

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मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार पहले छात्रों को अपना हिस्सा दे। इसका डेटा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उसके बाद ही केंद्र अपना हिस्सा जारी करेगा। इसके लिए अलग-अलग कट-ऑफ तिथियां निर्धारित की गई हैं।

निदेशालय ने शैक्षणिक संस्थानों को जारी किए निर्देश

उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्व विद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं। उन्हें तत्काल आधार सीडिंग की प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए कहा गया है। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि यह अंतिम अवसर है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी, अभिभावक और संस्थान अपनी जिम्मेदारी समय रहते निभाएं। यदि समय सीमा से कम से कम 20 दिन पहले आधार सीडिंग पूरी नहीं की जाती है तो जिम्मेदारी विभाग की नहीं होगी। छात्रवृत्ति राशि न मिलने की स्थिति में संस्थानों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

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यह समस्या केवल हिमाचल प्रदेश तक सीमित नहीं है। देश के अन्य राज्यों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने आधार सीडिंग को छात्रवृत्ति योजनाओं का एक अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता लाना और धन के दुरुपयोग को रोकना है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मामले में गंभीरता दिखाई है। उसने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। उन्हें संबंधित विद्यार्थियों की सूची तैयार करने को कहा गया है। साथ ही बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

आधार सीडिंग की प्रक्रिया में बैंक खाते को आधार नंबर से जोड़ा जाता है। इसके बिना सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में नहीं पहुंच पाता है। यह प्रक्रिया डिजिटल भुगतान प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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