National News: भारत में आधार कार्ड अब पहचान का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। बैंकिंग सेवाओं से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक में इसकी आवश्यकता होती है। अब यूआईडीएआई ने इसे डाउनलोड करने का एक नया तरीका पेश किया है। व्हाट्सएप के माध्यम से अब कोई भी व्यक्ति कुछ ही मिनटों में अपना ई-आधार कार्ड प्राप्त कर सकता है। यह नई सुविधा माईगव हेल्पडेस्क चैटबॉट के जरिए शुरू की गई है।
इस सेवा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता के पास आधार से लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए। साथ ही उसका डिजिलॉकर अकाउंट सक्रिय होना आवश्यक है। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित मानी जा रही है क्योंकि यह सीधे डिजिलॉकर की ऑथेंटिकेशन प्रणाली से जुड़ती है। उपयोगकर्ता को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।
सेवा शुरू करने के लिए सबसे पहले अपने फोन में नंबर +91 9013151515 सेव करें। इसके बाद व्हाट्सएप ऐप खोलकर इस नंबर पर हाय या नमस्ते लिखकर भेजें। चैटबॉट तुरंत जवाब देगा और कई विकल्प प्रस्तुत करेगा। इन विकल्पों में से डिजिलॉकर सर्विसेज का चयन करना होगा।
आधार डाउनलोड करने के चरण
चैटबॉट द्वारा डिजिलॉकर सर्विसेज चुनने के बाद उपयोगकर्ता को अपना बारह अंकों का आधार नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। इस ओटीपी को चैटबॉट में वापस दर्ज करना होता है। सफल सत्यापन के बाद चैटबॉट उपयोगकर्ता के डिजिलॉकर में मौजूद दस्तावेजों की सूची दिखाएगा।
इस सूची में से आधार कार्ड का विकल्प चुनने पर ई-आधार की पीडीएफ फाइल प्राप्त हो जाती है। यह फाइल डाउनलोड करने योग्य होती है। ध्यान रखने वाली बात है कि यह पीडीएफ फाइल पासवर्ड से सुरक्षित होती है। इसे खोलने के लिए एक विशेष पासवर्ड का उपयोग करना पड़ता है।
पीडीएफ का पासवर्ड खोलने के लिए उपयोगकर्ता के नाम के पहले चार अंग्रेजी अक्षर कैपिटल में और जन्म के वर्ष को मिलाना होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी का नाम सुरेश कुमार है और जन्म वर्ष 1990 है, तो पासवर्ड SURE1990 होगा। इस नियम का पालन करके पीडीएफ फाइल आसानी से खोली जा सकती है।
सुरक्षा संबंधी सावधानियां
इस सेवा का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। उपयोगकर्ता को केवल आधिकारिक माईगव हेल्पडेस्क नंबर पर ही संदेश भेजना चाहिए। प्राप्त ओटीपी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। डाउनलोड की गई आधार पीडीएफ फाइल को अनावश्यक रूप से किसी को नहीं भेजना चाहिए।
यदि किसी उपयोगकर्ता का आधार पहले से डिजिलॉकर से लिंक नहीं है, तो वह इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा। ऐसे में पहले डिजिलॉकर की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर आधार को लिंक करना होगा। डिजिलॉकर में आधार लिंक करने की प्रक्रिया भी सरल और सुरक्षित है।
यह नई व्यवस्था उन लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगी जिन्हें इंटरनेट का ज्यादा अनुभव नहीं है। व्हाट्सएप एक परिचित प्लेटफॉर्म है, इसलिए उन्हें ई-आधार प्राप्त करने में आसानी होगी। इससे डिजिटल भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य नागरिकों को सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराना है। यह सेवा इसी दिशा में एक प्रयास है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में यह त्वरित और कागज रहित समाधान प्रदान करती है। भविष्य में और भी सेवाएं इसी तरह के चैटबॉट के माध्यम से शुरू की जा सकती हैं।
