India News: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार कार्ड से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियम बदले हैं। एक अक्टूबर 2025 से दो नए नियम लागू होंगे। पहला नियम दस साल या उससे अधिक पुराने आधार कार्ड के अनिवार्य अपडेशन से संबंधित है। दूसरा नियम बच्चों और किशोरों के बायोमेट्रिक अपडेशन शुल्क को समाप्त करने का है। इन बदलावों का उद्देश्य आधार डेटाबेस को अद्यतन और सुरक्षित रखना है।
दस साल पुराने आधार कार्ड धारकों के लिए इसे अपडेट कराना अनिवार्य होगा। यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है, तो उसे सरकारी योजनाओं और विभिन्न सेवाओं का लाभ लेने में कठिनाई हो सकती है। अपडेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू की जा सकती है, लेकिन अंतिम सत्यापन के लिए नजदीकी आधार केंद्र पर जाना आवश्यक है।
बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेशन निःशुल्क
पांच से सात वर्ष और पंद्रह से सत्रह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेशन अब निःशुल्क कर दिया गया है। पहले इसके लिए पचास रुपये का शुल्क देना पड़ता था। यह छूट नए पंजीकरण और मौजूदा आधार के अपडेशन दोनों पर लागू होगी। हालांकि, निर्धारित उम्र में बायोमेट्रिक अपडेशन कराना अभी भी अनिवार्य बना रहेगा।
आधार अपडेट करने के लिए उपयोगकर्ता को यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट या एमआधार मोबाइल एप्लिकेशन पर जाना होगा। वहां अपडेट का विकल्प चुनकर आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इसके बाद पहचान और पते के प्रमाण पत्र लेकर अधिकृत आधार केंद्र पर जाना होता है। बायोमेट्रिक अपडेशन पर पचास रुपये और डेमोग्राफिक अपडेशन पर तीस रुपये का शुल्क लगेगा।
पिछले महीने लागू हुए थे प्रमुख बदलाव
पंद्रह अगस्त 2025 से आधार कार्ड के प्रारूप में कुछ बड़े बदलाव लागू किए गए थे। इनमें अठारह वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के आधार कार्ड से पति या पिता का नाम हटाना शामिल है। अब यह जानकारी केवल यूआईडीएआई के आंतरिक रिकॉर्ड में ही रहेगी। इससे निजता बढ़ाने और बार-बार परिवर्तन की आवश्यकता को कम करने में मदद मिलेगी।
जन्मतिथि के प्रदर्शन के तरीके में भी बदलाव किया गया है। नए जारी होने वाले आधार कार्ड पर अब केवल जन्म का वर्ष ही दिखाई देगा। पूरी तिथि केवल आंतरिक रिकॉर्ड में संग्रहित रहेगी। इस कदम का उद्देश्य व्यक्तिगत जानकारी के संभावित दुरुपयोग के जोखिम को कम करना है।
केयर ऑफ कॉलम को हटाया गया
आधार कार्ड से केयर ऑफ कॉलम को भी पंद्रह अगस्त से हटा दिया गया है। इसके साथ ही, नए आधार कार्ड पर दिखाई देने वाली जानकारी को सीमित कर दिया गया है। अब कार्ड पर केवल धारक का नाम, जन्म का वर्ष, लिंग, पता और फोटोग्राफ ही प्रिंट होंगे। यह कदम दस्तावेज की सादगी और निजता सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
पते के अपडेशन के नियम भी पहले ही बदले जा चुके हैं। जनवरी 2025 से पता बदलने के लिए बैंक स्टेटमेंट या उपयोगिता बिल को ही मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का प्रयास किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इन सभी बदलावों से आधार प्रणाली और अधिक कारगर बनेगी।
