National News: केरल में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है जहां जारी किए गए आधार कार्डों की संख्या राज्य की कुल जनसंख्या से अधिक है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार तीस सितंबर 2025 तक केरल की जनसंख्या 3.60 करोड़ है। लेकिन इस अवधि तक राज्य में 4.09 करोड़ आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
इस प्रकार आधार कार्डों की संख्या जनसंख्या से लगभग 49 लाख अधिक है। यह अंतर देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। यूआईडीएआई ने सूचना के अधिकार के तहत एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी है। इससे आधार डेटा की सटीकता पर सवाल उठ रहे हैं।
डेटा स्वच्छता में गंभीर कमी
कोच्चि के सूचना के अधिकार कार्यकर्ता राजू वज्झकाला ने इस असंतुलन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह अंतर आधार प्रणाली की डेटा स्वच्छता में गंभीर खामी को दर्शाता है। मृत व्यक्तियों के आधार कार्डों को समय पर रद्द न करना इसकी एक प्रमुख वजह है।
हालांकि यूआईडीएआई ने मृत्यु पंजीकरण डेटा को आधार से जोड़ने के कदम उठाए हैं। एक रिपोर्टिंग पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। लेकिन अभी भी कोई अनिवार्य स्वचालित प्रणाली मौजूद नहीं है। इससे मृत व्यक्तियों के आधार कार्डों के दुरुपयोग का खतरा बना हुआ है।
देशव्यापी समस्या
यह समस्या केवल केरल तक सीमित नहीं है। पूरे भारत में जारी किए गए आधार कार्डों की संख्या जनसंख्या से अधिक है। भारत की कुल जनसंख्या लगभग 141 करोड़ है जबकि 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी ऐसा असंतुलन देखा गया है।
पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी यही स्थिति है। त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में भी आधार कार्डों की संख्या जनसंख्या से अधिक है। इससे डेटा प्रबंधन की चुनौतियां उजागर होती हैं।
यूआईडीएआई की कार्रवाई
यूआईडीएआई ने आधार डेटाबेस की सटीकता बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं। मृत व्यक्तियों के आधार नंबर निष्क्रिय करने का काम चल रहा है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल के सहयोग से नागरिक पंजीकरण प्रणाली के माध्यम से डेटा एकत्र किया जा रहा है।
चौबीस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड एकत्र किए गए हैं। सत्यापन के बाद 1.17 करोड़ आधार नंबर निष्क्रिय किए जा चुके हैं। गैर-सीआरएस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी इसी प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।
मृतकों की रिपोर्टिंग के लिए नया पोर्टल
यूआईडीएआई ने नौ जून 2025 को माईआधार पोर्टल पर एक नई सुविधा शुरू की। परिवार के सदस्य की मृत्यु की रिपोर्ट करने का विकल्प उपलब्ध कराया गया। इस सुविधा के माध्यम से परिवार के सदस्य मृतक का आधार नंबर और मृत्यु पंजीकरण संख्या दर्ज कर सकते हैं।
यूआईडीएआई इसकी जांच करने के बाद आधार नंबर को निष्क्रिय कर देता है। प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि वे माईआधार पोर्टल पर मृत परिवार के सदस्यों की जानकारी दर्ज कराएं। इससे डेटा को अद्यतन और सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
बैंकों और राज्य सरकारों के साथ सहयोग
यूआईडीएआई ने बैंकों और राज्य सरकारों के साथ सहयोग बढ़ाया है। 100 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की स्थिति की पुष्टि के लिए जानकारी एकत्र की जा रही है। इससे डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। पहचान धोखाधड़ी को रोकने के प्रयास तेज किए गए हैं।
नियमित रूप से डेटा अपडेट और सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। डेटा सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आधार डेटाबेस की विश्वसनीयता बनाए रखना प्राथमिकता है। नागरिकों की सहभागिता से इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जा सकता है।
