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शुक्रवार, 22 सितम्बर,2023

हिमाचल में बनाया जाएगा एकल ट्रेडिंग डेस्क, ऊर्जा प्रबंधन पर करेगा काम; सुक्खू सरकार खर्चेगी 200 करोड़

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Shimla News: ऊर्जा क्षेत्र में विद्युत व्यापार को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क स्थापित करने का फैसला लिया है। इस डेस्क के परिचालन के लिए सरकार 200 करोड़ खर्च करेगी।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा की डेस्क स्थापित होने से प्रदेश में ऊर्जा प्रबंधन में सकारात्मक बदलाव आएगा और वित्त वर्ष 2024-25 में लघु, मध्यम और दीर्घकालिक कुशल योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को देश का अग्रणी हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हिमाचल में प्रचुर जल संसाधन हैं। जिससे 24,567 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन की क्षमता है, जबकि अब तक 172 जलविद्युत परियोजनाओं से 11,150 मेगावाट ही दोहन हो रहा है। ऊर्जा क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण इकाइयों ऊर्जा निदेशालय (डीओई), हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के बीच समन्वय स्थापित करने में ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क कारगर साबित होगा।

सुक्खू ने कहा कि ऊर्जा निदेशालय अन्य संस्थाओं के विपरीत एक विनियमित इकाई नहीं है और विद्युत बिक्री से सारा राजस्व सरकारी प्राप्तियों में जाता है। राजस्व बढ़ाने के विद्युत विक्रय और खरीद प्रबंधन को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से केंद्रीय सेल स्थापित किया गया है। इससे जहां विद्युत व्यापार में आसानी होगी वहीं एचपीएसईबीएल, एचपीपीसीएल और डीओई को समन्वित करते हुए प्रदेश में विद्युत व्यापार की देखरेख करने वाली एक स्वतंत्र इकाई भी स्थापित होगी।

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इसका उद्देश्य विद्युत उत्पादन और वितरण कंपनियों पर लागू नियामक ढांचे के भीतर आपसी निपटान व्यवस्था स्थापित करना है। डेस्क की उन्नत क्षमताएं हाइड्रो और अन्य नवीकरणीय स्रोतों के लिए सटीक ऊर्जा पूर्वानुमान को सक्षम बनाएंगी, जिससे राज्य में उत्पादित बिजली की प्रभावी ढंग से बिक्री की क्षमता में वृद्धि होगी और नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व या हाइड्रो खरीद में लाभ बढ़ेगा।

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