Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोशल मीडिया पर मचे घमासान ने अब एक गंभीर आपराधिक मामले का रूप ले लिया है। पीड़ित के वकील ने बताया कि पुलिस ने शहनाई वादक सूरज मणि की शिकायत पर आचार्य तुषार जोगी, बंटी सराजी बलदेव ठाकुर, नहरू ठाकुर, तुलेश कुमार ठाकुर, डोला राम ठाकुर, क्षत्रिय चेतन मेहता, मंडी वाले पंडित जी समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ SC/ST एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की है। पीड़ित का आरोप है कि उसे सोशल मीडिया पर विचार रखने के कारण जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया जा रहा है।
जान से मारने की धमकी और ‘नाक रगड़ने’ का दबाव
मंडी जिले की उप-तहसील बागाचनोगी के गांव शिल्हीवागी निवासी सूरज मणि ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। सूरज मणि पेशे से एक शहनाई वादक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ शांतिपूर्ण विचार साझा किए थे। इसके बाद एक विशेष गुट ने उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया।
शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी उन पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और देवताओं के सामने “नाक रगड़ने” जैसा अपमानजनक कृत्य करने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर उन्हें जान से मारने और उनका हुक्का-पानी बंद करने (शहनाई वादन का काम रुकवाने) की धमकियां दी जा रही हैं।
पुलिस की लेटलतीफी और SP से गुहार
सूरज मणि ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले 27 दिसंबर 2025 को थाना जंजैहली में लिखित शिकायत दी थी। उनका आरोप है कि पुलिस ने उस समय कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए। धमकियों का सिलसिला बढ़ने पर उन्होंने 29 दिसंबर को SDPO कार्यालय करसोग और पुलिस अधीक्षक (SP) मंडी को ईमेल के जरिए शिकायत भेजी। इसके बाद पुलिस हरकत में आई।
आरोपियों पर लगे गंभीर आरोप
पुलिस ने इस मामले में बंटी सराजी, बलदेव ठाकुर, नेहरू ठाकुर, तुलेश कुमार ठाकुर, डोला राम ठाकुर, क्षत्रिय चेतन मेहता और मंडी वाले पंडित जी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। FIR में निम्नलिखित गंभीर आरोप लगाए गए हैं:
- जातिगत अपमान: नेहरू ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से पीड़ित को “दागी” और अन्य अश्लील जातिसूचक गालियां दीं। यह SC/ST एक्ट का सीधा उल्लंघन है।
- मानसिक प्रताड़ना: आचार्य तुषार जोगी पर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और सुरक्षा को खतरा पैदा करने का आरोप है।
- निजता का हनन: आरोपियों ने पीड़ित की जानकारी के बिना उसकी फोन कॉल रिकॉर्ड की और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जो कि एक साइबर अपराध है।
बंटी सराजी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
इस मामले में नामजद मुख्य आरोपी बंटी सराजी उर्फ बलदेव ठाकुर का विवादों से पुराना नाता रहा है। जानकारी के मुताबिक, साल 2024 में उसे शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के एक सरकारी आवास से 400 ग्राम चरस (भांग) के साथ गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में बंटी सराजी करीब 2 महीने जेल में भी रह चुका है। अब एक बार फिर उसका नाम इस गंभीर प्रकरण में सामने आया है।
पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351(2) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग), 3(5) (समान मंशा) और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 3(1)(r) और (s) के तहत विशेष रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
