Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा है। बीड़ बिलिंग घाटी से उड़ान भरने वाले एक रूसी पायलट की क्रैश लैंडिंग हुई है। उन्हें जालसूजोत के दुर्गम इलाके से रेस्क्यू किया गया। यह पिछले दस दिनों में पांचवां पैराग्लाइडिंग हादसा है।
39 वर्षीय पावेल सुकोत्सकी मंगलवार को पैराग्लाइडिंग कर रहे थे। मौसम खराब होने के कारण उन्हें जालसूजोत में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान उनकी रीढ़ और टांगों में चोटें आईं। बुधवार सुबह हेलिकॉप्टर से उन्हें बचाया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
माउंटेन पैरा रेस्क्यू टीम ने बुधवार को सुबह ग्यारह बजे ऑपरेशन शुरू किया। हेलिकॉप्टर की मदद से पायलट को सुरक्षित निकाला गया। रेस्क्यू टीम के प्रमुख राहुल सिंह ने बताया कि पायलट ने स्वयं सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में सफलता पाई थी। वॉकी-टॉकी के माध्यम से उनसे संपर्क स्थापित किया गया।
पायलट को विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उनकी रीढ़ और टांगों की चोटों का इलाज शुरू किया। रेस्क्यू टीम में भगवान सिंह, संजय ठाकुर और नीलकमल सहित ग्यारह सदस्य शामिल थे। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में सफलतापूर्वक ऑपरेशन पूरा किया।
पिछले हादसों का सिलसिला
इससे पहले कुल्लू की सेवन सिस्टर पीक पर एक ऑस्ट्रेलियाई पायलट हादसे का शिकार हुआ था। उन्हें बीस घंटे बाद रेस्क्यू किया गया था। हाल ही में एक कनाडियन महिला पायलट की मौत हो चुकी है। एक फ्रांसीसी पायलट भी हादसे का शिकार हुआ था।
बरोट की पहाड़ियों में भी एक पायलट फंस गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि संकरी पहाड़ी घाटियों में हवा का दबाव अचानक बदलता है। इससे ग्लाइडर के नियंत्रण में समस्या आती है। इस कारण हादसों की आशंका बनी रहती है।
मौसम की भूमिका
रेस्क्यू टीम के प्रमुख ने बताया कि मंगलवार को मौसम अनुकूल नहीं था। इसी कारण रूसी पायलट को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। पहाड़ी इलाकों में मौसम तेजी से बदलता है। अचानक हवा के रुख में परिवर्तन होता है। इससे पैराग्लाइडिंग खतरनाक हो जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि संकरी घाटियों से गुजरते समय हवा का दबाव कम या ज्यादा हो सकता है। इससे ग्लाइडर अचानक बंद हो जाते हैं। पायलट का नियंत्रण खो सकता है। ऐसी स्थिति में क्रैश लैंडिंग की संभावना बढ़ जाती है।
सुरक्षा उपायों पर सवाल
लगातार हो रहे हादसों ने सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े किए हैं। पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग घाटी में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता है। मौसम पूर्वानुमान व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। पायलटों को बेहतर प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग को सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने होंगे। अनुभवहीन पायलटों को जोखिम भरे मौसम में उड़ान की अनुमति नहीं देनी चाहिए। आपातकालीन रेस्क्यू व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना होगा।
