Shimla News: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले से सटे किन्नौर में एक दिल दहला देने वाला मामला अंजाम तक पहुंचा है। यहाँ की एक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पेशे से ट्रक ड्राइवर है। उसने 10वीं की छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया था। कोर्ट ने दोषी पर जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा उसे पीड़िता को मुआवजा भी देना होगा। यह फैसला रामपुर स्थित पॉक्सो कोर्ट ने सुनाया है।
सेब सीजन में शुरू हुई थी बात
मामला साल 2019 का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता उस समय 10वीं कक्षा में पढ़ती थी। दोषी का नाम इरफान अली है। वह शिमला और किन्नौर के इलाकों में सेब सीजन के दौरान ट्रक चलाता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात नाबालिग से हुई। उसने लड़की का मोबाइल नंबर ले लिया। दोनों के बीच फोन पर बातें होने लगीं। दोषी ने 26 दिसंबर 2019 को लड़की को मिलने के लिए बुलाया। लड़की अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ उससे मिलने चली गई।
भाई-बहन को बीच रास्ते में उतारा
दोषी इरफान ने चालाकी से तीनों बच्चों को अपने ट्रक में ही रोक लिया। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर उसने ट्रक के अंदर ही लड़की के साथ गलत काम किया। अगली सुबह उसने लड़की के भाई-बहन को करछम में उतार दिया। इसके बाद वह लड़की को जबरदस्ती अपने साथ शिमला की तरफ (रामपुर) ले गया। जब बच्चे घर नहीं पहुंचे तो माता-पिता परेशान हो गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तलाश शुरू की और भावानगर में आरोपी को पकड़ लिया।
20 साल कालकोठरी में कटेगी रात
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ठोस सबूत जुटाए। कोर्ट में चालान पेश किया गया। उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने सरकार की तरफ से पक्ष रखा। इस केस में कुल 17 गवाहों ने गवाही दी। इसके अलावा वैज्ञानिक सबूतों ने भी दोषी की पोल खोल दी। शिमला (रामपुर) कोर्ट ने सबूतों के आधार पर इरफान को दोषी माना। उसे 20 साल की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा मिली। पीड़िता को 50 हजार रुपये मुआवजा भी मिलेगा।
