Himachal News: सोलन जिले के बरोटीवाला क्षेत्र में एक गाय के साथ दर्दनाक घटना हुई। खेत में चरते समय गाय के मुंह में रखा विस्फोटक फट गया। यह विस्फोटक जंगली जानवरों को फसलों से दूर रखने के लिए लगाया गया था। विस्फोट से गाय का मुख्य भाग बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया। पशु चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी कर उसके प्राण बचाए।
गाय का जबड़ा, जीभ और मुंह का अगला हिस्सा विस्फोट में बुरी तरह फट गया था। किसान आजाद ने तुरंत घायल गाय को सोलन से ऊना जिले के बरनोह स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचाया। स्थानीय पशु चिकित्सकों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ से सलाह ली। उन्होंने ऊना के अनुभवी पशु शल्य चिकित्सक डॉक्टर निशांत रनोत से संपर्क किया।
चार घंटे तक चली मुश्किल सर्जरी
डॉक्टर निशांत रनोत और उनकी टीम ने बुधवार को लगभग चार घंटे तक सर्जरी की। इस दौरान गाय के मुंह के जले और फटे हिस्सों को सावधानीपूर्वक सिला गया। चिकित्सकों ने सर्जरी से पहले गाय की पूरी जांच की। उन्होंने फूड पाइप की व्यवस्था भी की ताकि गाय को खाने-पीने में दिक्कत न हो। यह सर्जरी पशु चिकित्सा क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उदाहरण बन गई है।
डॉक्टर निशांत के मुताबिक गाय की हालत अब स्थिर है और धीरे-धीरे सुधार देखा जा रहा है। जब तक गाय स्वयं भोजन नहीं कर पाती, तब तक उसे पाइप के जरिए पोषण दिया जाएगा। चिकित्सक लगातार उसकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। गाय के ठीक होने की उम्मीद जताई जा रही है।
किसान ने लोगों से की विस्फोटक न लगाने की अपील
किसान आजाद ने इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह घटना लापरवाही का सीधा परिणाम है। उन्होंने लोगों से फसलों की सुरक्षा के लिए विस्फोटक न लगाने की अपील की। उनका कहना था कि ऐसे तरीकों पर पुनर्विचार की जरूरत है। ताकि किसी निर्दोष पशु की जान को खतरा न हो।
बिलासपुर जिले में इस तरह की कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। फिर भी लोग इन खतरनाक विस्फोटकों का इस्तेमाल जारी रखे हुए हैं। यह घटना पशु सुरक्षा और जिम्मेदाराना तरीके अपनाने की अहमियत को रेखांकित करती है। स्थानीय प्रशासन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
पशु चिकित्सा में नई मिसाल
इस सर्जरी ने पशु चिकित्सा के क्षेत्र में संवेदनशीलता और समर्पण का नया उदाहरण पेश किया है। डॉक्टर निशांत और उनकी टीम की मेहनत ने एक मासूम जान को बचा लिया। यह घटना दर्शाती है कि उन्नत चिकित्सा तकनीक से पशुओं के जीवन भी बचाए जा सकते हैं। पशु चिकित्सा विज्ञान ने एक और सफलता हासिल की है।
गाय अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही है। चिकित्सकों का कहना है कि उसे पूरी तरह ठीक होने में कुछ समय लगेगा। इस दौरान उसकी विशेष देखभाल की जा रही है। यह मामला पशु कल्याण और उनके अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
