शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

8वां वेतन आयोग: नवंबर 2025 तक जारी हो सकती है अधिसूचना, 2028 में लागू होने की उम्मीद

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NEW DELHI: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की दिशा में औपचारिक प्रक्रिया तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार नवंबर 2025 तक इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी होने की संभावना है। इसका सीधा लाभ लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा। दिसंबर 2025 में सातवें वेतन आयोग की अवधि समाप्त हो रही है। इसलिए नए आयोग का गठन समय पर करना जरूरी हो गया है।

वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में विभिन्न विभागों और राज्य सरकारों से प्राप्त सुझावों की समीक्षा शुरू कर दी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में इशारा दिया था कि सरकार इस मुद्दे पर सक्रियता से काम कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार आयोग के सदस्यों की नियुक्ति और उनके दायरे को परिभाषित करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।

कब तक मिल सकता है नए वेतन आयोग का फायदा

यदि सब कुछ योजना के मुताबिक चलता है तो आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2026 के मध्य तक तैयार हो सकती है। हालांकि इसे लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है। यह समयसीमा पिछले वेतन आयोगों के अनुभवों पर आधारित है। सातवें वेतन आयोग को भी अंतिम रिपोर्ट सौंपने और लागू करने में ऐसा ही समय लगा था।

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सरकार का प्रयास है कि कर्मचारियों को बीच के वर्षों का कोई आर्थिक नुकसान न हो। इसलिए संभावित वृद्धि का लाभ एरियर या बोनस के रूप में दिया जा सकता है। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी। महंगाई के दबाव को देखते हुए यह कदम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

किन्हें मिलेगा आठवें वेतन आयोग का लाभ

नयावेतन आयोग लागू होने पर केंद्रीय मंत्रालयों के सभी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इसके अलावा रक्षा बलों के जवान और अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक इकाई रेलवे के कर्मचारियों को भी नए वेतन आयोग का फायदा मिलेगा।

डाक विभाग और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोतरी होगी। पेंशनधारकों की पेंशन में भी आनुपातिक वृद्धि की जाएगी। इस तरह से यह निर्णय एक बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित करेगा। अर्थव्यवस्था पर इसके सकारात्मक प्रभाव की भी उम्मीद है।

सरकार की तैयारियों पर नजर

सरकार पिछले अनुभवों के आधार पर इस बार कोई देरी नहीं चाहती। वेतन संरचना में सुधार जल्द लागू करना उसकी प्राथमिकता है। इसलिए अभी से सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वित्त मंत्रालय की कोशिश है कि आयोग के गठन की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली जाए।

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आयोग के गठन के बाद उसे रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम अठारह महीने लग सकते हैं। इस दौरान वह विभिन्न हितधारकों से सिफारिशें और आंकड़े एकत्र करेगा। मुद्रास्फीति और जीवनयापन की लागत जैसे कारकों का अध्ययन किया जाएगा। अंतिम सिफारिशें इन्हीं आधारों पर तैयार होंगी।

कर्मचारी संघ लगातार नए वेतन आयोग के त्वरित गठन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि महंगाई दर को देखते हुए वेतन में उचित बढ़ोतरी जरूरी है। सरकार ने अब तक इस दिशा में हुई प्रगति को सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि आंतरिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

इस पूरी प्रक्रिया में समयबद्धता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जुलाई 2016 में लागू हुई थीं। उसी पैटर्न को ध्यान में रखते हुए अब अगले चरण की तैयारी की जा रही है। सभी हितधारक सरकार के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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