शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

8वां वेतन आयोग: कर्मचारी यूनियनों ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस को बताया एकतरफा, पेंशन मुद्दे पर उठाए सवाल

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National News: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है। पैनल की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंजन गोगोई देसाई करेंगी। यह आयोग देश के एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन ढांचे की समीक्षा करेगा। कर्मचारी संगठनों ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस पर आपत्ति जताई है।

कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज ऐंड वर्कर्स ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। यूनियन लगभग आठ लाख केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है। संगठन ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस में संशोधन की मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान दस्तावेज में पेंशनरों के हितों की उपेक्षा की गई है। इससे 69 लाख पेंशनर प्रभावित हो सकते हैं।

पेंशन मुद्दे पर गहरी चिंता

यूनियन ने पेंशन संबंधी मुद्दों पर गंभीर चिंता जताई है। टर्म्स ऑफ रेफरेंस में पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं हैं। विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत पेंशन लाभों के संशोधन का कोई प्रावधान नहीं दिखता। यह स्थिति पेंशनरों के लिए अनिश्चितता पैदा कर रही है। कर्मचारी संगठन इस पर तत्काल सुधार चाहते हैं।

यूनियन ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस से कुछ शब्दों को हटाने की मांग की है। इनमें “गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अप्रदत्त लागत” जैसे शब्द शामिल हैं। पुरानी पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम और एनपीएस के पेंशनरों के मुद्दे अनसुलझे हैं। पेंशन पुनरीक्षण और पेंशन समानता पर कोई स्पष्ट नीति नहीं दिख रही है।

व्यापक समीक्षा की मांग

कन्फेडरेशन ने आयोग से कई मुद्दों पर ठोस सिफारिशें करने का अनुरोध किया है। इनमें पेंशन की कम्यूटेड राशि की बहाली शामिल है। यह बहाली ग्यारह साल बाद होनी चाहिए। हर पांच वर्ष में उच्च आयु वर्ग के पेंशनरों को अतिरिक्त पेंशन दी जानी चाहिए। पेंशनरों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की बीमा योजना की पूरी समीक्षा की मांग भी की गई है। यूनियन चाहती है कि इसमें जरूरी सुधार किए जाएं। इन मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन काफी गंभीर हैं। उनका मानना है कि इन मुद्दों के बिना आयोग का गठन अधूरा रहेगा।

प्रभावी तिथि का न होना बड़ी कमी

आल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉयीज फेडरेशन ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उन्होंने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर एक बड़ी कमी की ओर ध्यान दिलाया है। टर्म्स ऑफ रेफरेंस में आयोग की सिफारिशों की प्रभावी तिथि का कोई उल्लेख नहीं है। पिछले वेतन आयोग में यह तिथि स्पष्ट रूप से एक जनवरी 2016 निर्धारित की गई थी।

इस महत्वपूर्ण बिंदु के गायब होने से कर्मचारियों में असंतोष है। वे चाहते हैं कि सिफारिशों को लागू करने की स्पष्ट तिथि हो। इससे उन्हें भविष्य की योजना बनाने में मदद मिलेगी। तिथि का न होना अनिश्चितता पैदा कर रहा है। कर्मचारी इस मुद्दे पर त्वरित स्पष्टीकरण चाहते हैं।

पेंशनरों के हितों की अनदेखी

आल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉयीज फेडरेशन ने स्पष्ट कहा है कि वर्तमान टर्म्स ऑफ रेफरेंस 69 लाख पेंशनरों के हितों की अनदेखी करता है। पेंशन पुनरीक्षण या पेंशन समानता पर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं दिया गया है। फेडरेशन ने इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित बताया है।

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पेंशनरों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है। उन्हें डर है कि नई व्यवस्था में उनके हितों की रक्षा नहीं हो पाएगी। कर्मचारी संगठन लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। वे सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

यूनियनों की सक्रिय भूमिका

विभिन्न कर्मचारी संगठन इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे सरकार के साथ निरंतर संवाद कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर वे एकजुट हैं। सभी संगठन टर्म्स ऑफ रेफरेंस में संशोधन चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पेंशनरों और कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए।

इन संगठनों ने अपनी बात रखने के लिए पत्र लिखे हैं। वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को उठा रहे हैं। उनका प्रयास है कि आयोग का गठन संतुलित तरीके से हो। कर्मचारियों और पेंशनरों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

आगे की राह

सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब कर्मचारी संगठनों की चिंताओं का समाधान जरूरी है। टर्म्स ऑफ रेफरेंस में संशोधन की मांग तेज हो रही है। पेंशन मुद्दों पर स्पष्टता की आवश्यकता है। प्रभावी तिथि का निर्धारण भी महत्वपूर्ण है।

इन मुद्दों के समाधान के बिना आयोग का काम पूरा नहीं हो पाएगा। सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच संवाद जारी है। आने वाले दिनों में इस दिशा में और विकास देखने को मिल सकते हैं। सभी पक्षों की भागीदारी से ही बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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