India News: 8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नई आर्थिक संभावनाएं ला सकता है। सरकार ने इसकी गठन प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोकसभा में हालिया चर्चा से पता चला कि विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों से सुझाव मांगे गए हैं। आयोग के गठन की अधिसूचना और सदस्यों की नियुक्ति बाकी है। यह आयोग वेतन, पेंशन और भत्तों में सुधार लाएगा, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा।
आयोग का गठन और प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोकसभा में सांसदों के सवालों के जवाब में सरकार ने बताया कि रक्षा, गृह और कार्मिक प्रशिक्षण मंत्रालयों से सुझाव लिए जा रहे हैं। राज्य सरकारों के इनपुट भी शामिल किए जाएंगे। आयोग की अधिसूचना और इसके सदस्यों की नियुक्ति जल्द हो सकती है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर वेतन और पेंशन संशोधन की दिशा स्पष्ट होगी।
वेतन वृद्धि की संभावना
8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन वृद्धि तय करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 1.9 से 2.5 के बीच हो सकता है। अगर यह 2.5 रहा, तो न्यूनतम वेतन 40,000 से 45,000 रुपये तक बढ़ सकता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम वेतन को 7,000 से 18,000 रुपये किया। पेंशन भी 3,500 से 9,000 रुपये हुई थी। कर्मचारी इस बार भी ऐसी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
भत्ते और स्वास्थ्य बीमा में सुधार
8वां वेतन आयोग वेतन के साथ-साथ भत्तों और स्वास्थ्य बीमा में भी बदलाव ला सकता है। महंगाई भत्ता (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और अन्य भत्तों में संशोधन की संभावना है। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में सुधार से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। ये बदलाव कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगे। सरकार इन सुधारों के जरिए कर्मचारियों और पेंशनधारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखती है।
लागू होने की संभावित तारीख
8वें वेतन आयोग की आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं हुई है। हालांकि, माना जा रहा है कि यह जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। यह समय 7वें वेतन आयोग (जनवरी 2016) के 10 साल बाद का है। 6वां वेतन आयोग जनवरी 2006 में लागू हुआ था। कर्मचारी और पेंशनभोगी इस समयसीमा को लेकर उत्साहित हैं। अंतिम घोषणा होने पर ही नया वेतनमान लागू होने की तारीख स्पष्ट होगी।
