India News: त्योहारी सीजन की खुशियों के बीच केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए तीन बड़े फैसले लिए हैं। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी, दिवाली बोनस और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की इन घोषणाओं का सीधा लाभ करोड़ों लोगों को मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे न केवल कर्मचारियों की आय बढ़ेगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इन फैसलों को आगामी आठवें वेतन आयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। यह बढ़ोतरी एक जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जाएगी। इसका पिछला भुगतान नवंबर माह के वेतन के साथ किया जा सकता है। इस निर्णय से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनरों की आय में सीधा इजाफा होगा। यह कदम महंगाई के दबाव को कम करने में सहायक साबित होगा।
महंगाई भत्ते में हुई इस वृद्धि का वेतन पर सीधा असर दिखेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपये है तो अब उसे 15,000 रुपये महंगाई भत्ता मिलेगा। इससे मासिक आय में लगभग 2,000 से 4,000 रुपये तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। यह वृद्धि सातवें वेतन आयोग के सिद्धांतों के आधार पर की गई है।
दिवाली पर मिलेगा विशेष बोनस
दूसरी बड़ी खुशखबरी ग्रुप बी और सी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस की है। लगभग 30 लाख कर्मचारी इस बोनस का लाभ उठाएंगे। यह राशि दिवाली से पहले कर्मचारियों के खातों में जमा कर दी जाएगी। इससे कर्मचारी त्योहारी मौसम में अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
इस बार बोनस की अधिकतम सीमा 7,000 रुपये प्रति माह निर्धारित की गई है। तीस दिनों के हिसाब से कर्मचारियों को 6,900 से 9,100 रुपये के बीच की राशि मिल सकेगी। रेलवे, डाक विभाग और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारी विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि करना है।
स्वास्थ्य सेवाओं में हुए सुधार
केंद्रीय स्वास्थ्य योजना में किए गए सुधार तीसरी बड़ी सौगात हैं। अब अधिक निजी अस्पतालों को इस योजना के पैनल में शामिल किया गया है। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों के पास इलाज के विकल्पों में वृद्धि हुई है। कैशलेस उपचार की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है।
अब लाभार्थी अस्पतालों से सीधे सेवा ले सकेंगे और बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। पेंशनरों के लिए ऑनलाइन ओपीडी बुकिंग और ई-कार्ड प्रणाली भी शुरू की गई है। इन सुधारों से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार आने की उम्मीद है।
आठवें वेतन आयोग की तैयारी
इन घोषणाओं के बाद अब सभी की नजर आठवें वेतन आयोग पर टिकी है। संकेत मिल रहे हैं कि समीक्षा समिति 2026 से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। इससे कर्मचारियों के मूल वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना बन रही है। वर्तमान में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये है।
अगर आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तक पहुंच सकता है। इसके अलावा विभिन्न भत्तों और पेंशन राशि में भी बढ़ोतरी हो सकती है। यह कर्मचारियों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। महंगाई भत्ते में वृद्धि को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सरकार के इन कदमों से कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार आने की उम्मीद है। महंगाई भत्ते में वृद्धि और बोनस से उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से चिकित्सा खर्चों में कमी आएगी। ये सभी उपाय मिलकर कर्मचारी कल्याण को नई दिशा दे रहे हैं। आने वाले समय में और सकारात्मक घोषणाओं की संभावना बनी हुई है।
