Himachal News; मंडी और शिमला जिला की सीमा पर तैनात नागरिक अस्पताल सुन्नी स्वास्थय सुविधाओं के लिए तरस रहा है। बिना स्वास्थय सुविधाओं के दोनों जिलों के लोगों को अस्पताल में ईलाज करवाने के लिए या तो सुंदरनगर जाना पड़ रहा है या फिर आईजीएमसी आना पड़ता है।
दो जिलों के केंद्र बिंदु नागरिक चिकित्सालय सुन्नी में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना हमेशा एक दिवास्वप्न ही रहा है। सुन्नी एवं करसोग तहसील की सीमा पर स्थित उक्त स्वास्थ्य संस्थान ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सफऱ शुरू करके लगभग दस वर्ष पहले 50 बिस्तरों के तौर पर स्तरोन्नत होकर नागरिक अस्पताल का दर्जा तो हासिल कर लिया, परंतु स्वास्थ्य सुविधाएं कभी पटरी पर आ जाती है तो कभी उप स्वास्थ्य केंद्र के बराबर भी नसीब नहीं होती है।
नर्सों के अभी भी दस में से छह पद खाली चल रहे हैं। वहीं अल्ट्रसाउंड की मशीन भी बिना रेडियोलॉजिस्ट के धूल फांक रही है। नागरिक अस्पताल में लिपिक का भी एक पद अरसे से खाली चल रहा है। अस्पताल में प्रतिदिन 100 से 150 मरीज ईलाज करवाने आते हैं। दो जिलों के केंद्र बिंदु नागरिक अस्पताल सुन्नी में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की हमेशा से मांग रही है।
राजनीतिक गलियारों में भी अस्पताल हमेशा से एक मुद्दा रहता है। अचरज है कि जो भी दल विपक्ष में होता है वह स्वास्थ्य संस्थान की कमियों को उजागर करता है,परंतु सत्ता मिलने पर चुपी साध लेता है। तहसील सुन्नी की पंचायतों के साथ कुमारसैन तहसील की कई पंचायतों के अलावा जिला मंडी के करसोग एवं निहरी तहसील के बाशिंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नागरिक अस्पताल सुन्नी पंहुच में है, जिस कारण अस्पताल से लाभान्वितों की संख्या का आंकड़ा 94 हज़ार के करीब पंहुचता है।
अस्पताल में डिजिटल एक्सरे की सुविधा के साथ कमोबेश सभी प्रकार के टेस्ट की सुविधा भी हासिल है। टेस्ट के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ कर्सना के कर्मचारी भी मौजूद है। आंखों एवं डेंटल की सुविधा भी मिल रही है। कार्यवाहक बीएमओ सुन्नी डा. अर्चित ने बताया कि नागरिक अस्पताल सुन्नी में मापदंडों के हिसाब से चिकित्सक पूरे हैं तथा टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध हैं। नर्सों की कमी अवश्य है, जिसकी मांग की गई है।
बिना विशेषज्ञ बंद पड़ी मशीन
नागरिक अस्पताल सुन्नी को अल्ट्रसाउंड की भी पोर्टेबल मशीन ही मिली है जो बिना विशेषज्ञ के बंद पड़ी है। वहीं अस्पताल में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान करने के लिए ऑर्थो, सजऱ्री, रेडियोलॉजिस्ट, सिटी स्केंन, एमआरआई, ब्लड बैंक, ऑपरेशन थियेटर सहायक के साथ भवन की भी आवश्यकता है। ताकि हजारों की संख्या को स्वस्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले नागरिक अस्पताल में मरीजों को भी सभी सुविधाएं हासिल हो सके तथा जिला एवं राज्य स्तर अस्पतालों में भीड़ कम हो सके। अस्पताल को 100 बिस्तरों के तौर पर स्तरोन्नत करने की भी मांग चल रही है।
सुविधाओं के नाम पर झुनझुना
सुन्नी में खंड चिकित्सधिकारी का दर्जा पूर्व सरकार के कार्यकाल में मिल चुका है। परंतु सुविधा के नाम पर यहां भी झुनझुना ही है। खंड चिकित्सधिकारी का पद डेढ़ वर्षो से खाली पड़ा है, जिसे कार्यवाहक बीएमओ के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ़ में एक अधीक्षक की तैनाती है, जबकि लिपिक पद पर नागरिक अस्पताल से कर्मचारी को डेप्यूइट किया गया है। नागरिक अस्पताल सुन्नी के भवन से ही बीएमओ कार्यलय चलाया जा रहा है। बड़ी बात है कि अभी तक सुन्नी बीएमओ को डीडीओ पावर भी नहीं मिल पाई है।