हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज विभाग में हर ओर धांधलियों के सिवा कुछ भी नजर नहीं आता है। आप किसी भी पंचायत का नाम ले लो या किसी भी पंचायत की जांच करवा लो कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में घोटाला सामने आ ही जाता है। ताजा मामला मंडी की दूसरा खाबू पंचायत से संबंधित है, वहाँ एक आदमी की जमीन पर सिंचाई टैंक बनाने के लिए 33 बैग सीमेंट तो जारी हो गया। लेकिन वहां पर आज तक किसी भी तरह का कोई भी काम नहीं किया गया। आपको जानकर हैरानी होगी, इन 33 सीमेंट के बैग का ब्यौरा पंचायत रिकॉर्ड में भी नही है।
स्थानीय लोगों ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी तो यह मामला एक चेक द्वारा की गई पेमेंट से सामने आया है। यह 33 सीमेंट के बैग का मामला रिवालसर के जनमंच में मंत्री राकेश पठानिया के सामने उठाया गया था। जनमंच में शिकायत करने के बाद दो दिन पहले इस मामले में अधिकारियों द्वारा जांच की गई। लेकिन किसी को भी यह नहीं बताया गया कि यह 33 सीमेंट बैग आखिर कहाँ गए। जांच के दौरान अधिकारियों ने किसी को इस घोटाले के लिए दोषी नही ठहराया और ना किसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई की। यह जांच पर एक बहुत बड़ा सवाल है कि अगर अधिकारी सही तरीके से जांच नहीं करेंगे और घोटाले बाजों का चेहरा सामने नहीं लेकर आएंगे तो जांच मात्र एक खानापूर्ति बनकर रह जाती है। ऐसी जांचों के चलते घोटालेबाज बच जाते हैं और दूसरे घोटालेबाजों के उत्साह में भी वृद्धि करता है।
इस मामले में जब पीड़ित व्यक्ति से बात की गई जिसकी जमीन पर पानी का टैंक बनाना था। उनका कहना था कि मेरे नाम से सीमेंट के 33 बैक तो जारी हुए हैं, लेकिन उसे काम कहां किया गया इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द पता लगाया जाए कि मेरे नाम से जारी किए गए 33 सीमेंट के बैग कहां गायब हो गए। उन्होंने मांग की है की दोषी को जल्द से जल्द ढूंढा जाए और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने उनकी जमीन पर पानी का टैंक भी जल्द से जल्द बनाया जाए।
इसके बारे जब हमारी टीम ने संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेने के लिए कॉल किया तो किसी भी अधिकारी ने कॉल नही उठाई।