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बुधवार, 27 सितम्बर,2023

फर्जी दस्तावेजों से किया 250 करोड़ का छात्रवृति घोटाला, विभाग के अधिकारी करते रहे सत्यापित

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में निजी शिक्षण संस्थान फर्जी दावे करते रहे, शिक्षा विभाग के अधिकारी ने दावों को सत्यापित किया। सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है।

ईडी की ओर से गिरफ्तार चार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है। मामले में हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं।

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आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रवृत्ति का बजट जारी हुआ है। इन आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 के प्रावधानों के कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। आरोपियों की संपत्ति, बैंक खाते से लेनदेन, कैसे छात्रवृत्ति को इधर से उधर किया गया, इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय बारीकी से जांच कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि ईडी ने छात्रवृत्ति घोटाले में एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान ने फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना में छात्रवृत्ति घोटाला किया।

यह है मामला

छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 250 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। इस मामले में सीबीआई और ईडी कई अधिकारियों और निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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