Kullu Dussehra: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान बंजार के 12 से अधिक देवी-देवताओं को बैठने की जगह नहीं मिलने से विवाद खड़ा हो गया है. इसे लेकर बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी और तहसीलदार के बीच बहस हो गई. इसमें विधायक ने तहसीलदार पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया।
प्रशासन पर देवी-देवताओं के अस्थायी शिविर को उखाड़ने का आरोप
अब देव समाज के लोगों ने नाराजगी जताई है और उग्र हो गए हैं. इसमें उन्होंने बुधवार को उपायुक्त कुल्लू के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. दशहरा उत्सव के दौरान कुछ देवी-देवता अपने पुराने स्थान पर ही विराजमान होते हैं, जहां वे कई वर्षों से अपना अस्थायी शिविर लगाते आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन पर इन देवताओं के अस्थायी तंबू उखाड़ने का आरोप है. जिसके कारण कई देवी-देवताओं को वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
सुरेंद्र शौरी को क्यों आया गुस्सा?
कल्लू जिला मुख्यालय से सटे बागान क्षेत्र के पांच वीर देवता अपने मूल स्थान पर पहुंचकर वापस ढालपुर लौट आए हैं। इस पूरे मामले को लेकर बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र शौरी के तेवर तल्ख हो गए हैं. उन्होंने देव समाज के लोगों के साथ उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर इस पर कड़ी आपत्ति जताई।
देवी-देवताओं का हो रहा अपमान-सुरेंद्र
उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दशहरा उत्सव के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब देवी-देवताओं का सम्मान करने के बजाय उनका अपमान किया जा रहा है. उन्होंने इस मामले को लेकर प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आज शाम तक देवी-देवताओं का यह मसला हल नहीं हुआ तो वह देव समाज के लोगों के साथ गुरुवार से कुल्लू में धरने पर बैठेंगे.
ये आरोप विधायक सुरेंद्र ने लगाए
विधायक सुरेंद्र ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार के सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर इस बार दशहरा उत्सव बेहतर ढंग से मनाने का दावा करते रहे लेकिन दूसरी तरफ देवी-देवताओं का अपमान किया जा रहा है। प्रशासन के अधिकारी जूते पहनकर देवी-देवताओं के तंबू में घुस गए और तंबू को उखाड़ने का काम किया, जिससे पूरी तरह से नींद उड़ गई है.
24 देवी-देवताओं को बैठने की जगह नहीं मिली
विधायक ने कहा कि दशहरा कमेटी पहले भी बैठक दर बैठक करती रही लेकिन देवताओं के बैठने की जगह को लेकर कोई समाधान नहीं निकल सका. गौरतलब है कि इस दौरान विधायक सुरेंद्र शौरी और देव समाज के लोगों ने 24 ऐसे देवी-देवताओं की सूची तैयार की है, जिनके बैठने के लिए दशहरा उत्सव समिति जगह उपलब्ध नहीं करा पा रही है.