हिमाचल में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है, चुनावी सरगर्मियां के साथ साथ जाली सर्वे भी सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हो गए है। लोगों में मानसिक तौर पर डराया जा रहा है और उनका मनोबल तोड़ कर एक तरफा मतदान के लिए विवश किया जाने लगा है। जानकारी के कितनी यह सर्वे 5 मीडिया चैनलों के कराया है और इस सर्वे में कांग्रेस की 19, भाजपा की 47 और अन्य की 2 सीटें दिखाई गई है।
जबकि हिमाचल में ऐसा होना एक तरह से असंभव है, जानकारी के मुताबिक यह एक फेक सर्वे है जिसको कुछ लोगों ने भाजपा का वोट बैंक बढ़ाने और हिमाचल की आम जनता का विश्वास तोड़ने या उनको मानसिक रूप से परेशान करके भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए विवश करने के उद्देश्य से वायरल किया है।
आपको बता दें कि इस सर्वे के मुताबिक सराज विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर जय राम ठाकुर को विजेता बताया गया है और उनके पक्ष में 89.63 प्रतिशत मतदान का दावा किया गया है। इतना ही नही विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज, रामलाल मार्कण्डेय, विनोद कुमार, महेश्वर सिंह, सुरेंद्र शौरी, मुल्कराज प्रेमी जैसे उम्मीदवारों को भी भारी बहुमत से जीत दर्ज करते दिखाया गया है। जबकि धरातल पर इन सबका पूर्ण जोर विरोध हो रहा है। इन सभी विधायकों की विधानसभाओं में विकास के केवल दूर की कौड़ी है।
उपरोक्त सर्वे में कई लोग ऐसे भी है जिनको अभी तक टिकट तक नही मिले है। जब टिकट ही नही मिले तो किसी सर्वे द्वारा जीत का दावा करना कहां तक उचित है। अगर आप इन सभी लोगों की विधानसभा क्षेत्रों में जायेंगे तो वहां आम जनता को सरेआम इनके खिलाफ आवाज बुलंद करते दिखेंगे। उपरोक्त बातों से साफ जाहिर है कि यह झूठा सर्वे है।
चुनाव आयोग इस तरह के सर्वे रिपोर्ट्स पर कई बार बैन लगा चुका है। लेकिन फिर भी कुछ कानून विरोधी लोग ऐसी ओछी हरकतें करने से बाज नहीं आते। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग ऐसे लोगों के खिलाफ क्या एक्शन लेता है। क्या हिमाचल के लोगों का मनोबल तोड़ने, लोकतंत्र की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होती है या फिर इनको ऐसे ही लोकतंत्र का मजाक बनाने के लिए खुला छोड़ के रखा जाएगा।