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Monday, March 27, 2023

17 प्रतिशत बढ़ौतरी के साथ सरकारी कर्मचारियों के वेतन में इजाफा, कर्नाटक में अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस

Karnataka News: कर्नाटक सरकार की ओर से अंतरिम राहत के तौर पर मूल वेतन में 17 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा और पेंशन योजना पर एक समिति गठित किए जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों ने बुधवार को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली।

कर्मचारियों ने मूल वेतन में 40 प्रतिशत की वृद्धि की अंतरिम राहत और सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन में संशोधन की मांग की थी। यह आदेश राज्य सरकार के अधीन स्थानीय निकायों और सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू होगा। वहां काम करने वाले कर्मचारियों को होने वाले लाभ का खर्च स्थानीय निकाय उठाएंगे।

सरकार ने 01 अप्रैल, 2023 से राज्य सरकार के कर्मचारियों की मूल पेंशन में 17 प्रतिशत की वृद्धि करने की भी घोषणा की है। वहीं, नई पेंशन योजना (एनपीएस) को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) वापस लाने की मांग पर सरकार ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति इसके व्यवहार्यता का अध्ययन करेगी।

सरकार ने अपने आदेश में कहा, ‘राज्य सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है जो उन राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों का अध्ययन करेगी जिन्होंने पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया

है और एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। समिति उन राज्यों का दौरा करेगी जहां नई पेंशन योजना बंद कर दी गई है और पुरानी पेंशन योजना शुरू की गई है और दो महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।’

कर्नाटक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सीएस षडाक्षरी ने आज से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस लेने के फैसले की घोषणा की। षडाक्षरी ने एक बयान में कहा, “कर्नाटक राज्य सरकार कर्मचारी संघ की मांगों पर राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए हड़ताल तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है।”

उन्होंने हड़ताल में भाग लेने वाले सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का भी आभार व्यक्त किया और इसे सफल बनाया। इस दौरान कई प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के नहीं आने के कारण कामकाज नहीं हुआ जबकि कुछ सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) भी प्रभावित हुआ।

हालांकि परिवहन सेवाओं पर हड़ताल का बहुत कम प्रभाव पड़ा क्योंकि कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (बीएमटीसी) की बसें सामान्य रूप से संचालित हुईं। हड़ताल से कानून-व्यवस्था की कोई समस्या न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्थानों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

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