शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

15 August Songs Lyrics: स्वतंत्रता दिवस 2025 के लिए सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीत

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India News: 15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। यह विशेष दिन देशभक्ति गीतों के बिना अधूरा है। यहां हम आपके लिए स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गानों के बोल लेकर आए हैं, जो आपके देशप्रेम को और बढ़ा देंगे।

स्वतंत्रता दिवस गीतों का महत्व

देशभक्ति गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना को जीवंत रखते हैं। ये गाने हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाते हैं और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करते हैं। स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक समारोहों में इन गीतों की गूंज स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को विशेष बना देती है।

1. ऐ मेरे वतन के लोगों

यह कालजयी गीत कवि प्रदीप ने लिखा था और लता मंगेशकर ने गाया था। 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित यह गीत आज भी हर भारतीय की आँखें नम कर देता है।

1. ऐ मेरे वतन के लोगों

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।

जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी सांस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।

जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।

कोई सिख, कोई जाट मराठा
कोई गुरखा, कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।

थी खून से लथपथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवाके
जब अन्त समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।

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2. सारे जहाँ से अच्छा

अल्लामा इकबाल द्वारा रचित यह गीत भारत की महानता का प्रतीक है। यह गीत हमारी सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय गौरव को दर्शाता है।

सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलिस्तां हमारा।

ग़़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहाँ हमें भी दिल हो जहां हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया-ए-आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासबां हमारा।

गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियां
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जिनां हमारा।

ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन हैं याद तुझको?
उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम, वतन है हिंदोस्ताँ हमारा।

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहां से
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा।

कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़मां हमारा।

‘इक़बाल’! कोई महरम अपना नहीं जहां में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहां हमारा!

3. मेरे देश की धरती

यह शास्त्रीय देशभक्ति गीत भारत की उपजाऊ भूमि और किसानों के परिश्रम को समर्पित है।

सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलिस्तां हमारा।

ग़़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहाँ हमें भी दिल हो जहां हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया-ए-आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासबां हमारा।

गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियां
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जिनां हमारा।

ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन हैं याद तुझको?
उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम, वतन है हिंदोस्ताँ हमारा।

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहां से
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा।

कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़मां हमारा।

‘इक़बाल’! कोई महरम अपना नहीं जहां में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहां हमारा!

4. दिल दिया है जान भी देंगे

यह गीत भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह हमें देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा देता है।

मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू

हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

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(दोहराएं…)

तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

(दोहराएं…)

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, हमवतन हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा, मजहब नहीं इल्जाम है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियाँ
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लूट रहे हैं आप वो, अपने घरों को लूटकर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियाँ
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

5. मेरा रंग दे बसंती चोला

यह गीत भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदान को याद कराता है। यह क्रांतिकारियों की वीरगाथा गाता है।

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, ओये
रंग दे बसंती चोला, मायें रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना, सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी, अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, ओये
रंग दे बसंती चोला, मायें रंग दे बसंती चोला

जिस चोले को पहन शिवाजी खेले, अपनी जान पे
जिसे पहन झांसी की रानी, मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला, हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला

इन गीतों को कैसे सुनें?

आप इन देशभक्ति गीतों को:

  • YouTube पर “15 August patriotic songs” सर्च करके
  • Spotify, Gaana या JioSaavn जैसे म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर
  • रेडियो पर विशेष स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में सुन सकते हैं

इन गीतों को अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल करके आप इस राष्ट्रीय पर्व को और भी यादगार बना सकते हैं। ये गीत न केवल हमारे इतिहास की गाथा कहते हैं, बल्कि भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का भी एहसास कराते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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