Bilaspur News: बिलासपुर में 2022 जनवरी से दिसंबर तक एचआईवी के 14 नए मरीजों को पंजीकृत किया गया है। भारत सरकार एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल लाखों का फंड खर्च करती है, इसके बावजूद लोग सचेत नहीं हो रहे हैं।
प्रदेश की बात करें तो जनसंख्या के हिसाब से प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में एचआईवी के वर्तमान में 1,360 मरीज हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अग्रणी और क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटा जिला हमीरपुर एचआईवी संक्रमित 1,011 मरीजों के साथ दूसरे नंबर पर है।
प्रदेश में एचआईवी के कुल 5,132 मरीज हैं। बिलासपुर की बात करें तो साल 2017 में जिले में एचआईवी के 22 मरीज पंजीकृत हुए थे। वहीं, अब 2022 में यह संख्या 14 है। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से विशेष कार्यक्रम आयोजित कर और शिविर लगाकर एचआईवी के प्रति जागरूक करने का काम करता है।
इसके लिए अब कई अन्य एजेंसियों का सहयोग लेना भी शुरू कर दिया गया है। लेकिन, चिंता का विषय है कि सुरक्षित यौन संबंध समेत कई अन्य बिंदुओं पर जो जानकारी विभाग की ओर से लोगों को दी जा रही है, उसकी अनुपालन ही नहीं हो रही है। परिणाम यह है कि अकेले बिलासपुर में ही एक साल में 14 नए मामले एचआईवी के पंजीकृत किए गए हैं, जोकि हैरान करने वाले हैं।
अब तक 425 संक्रमित, 126 की मौत, 299 एआरटी पर जिंदा
बिलासपुर में सर्वे शुरू होने के बाद दिसंबर 2022 तक कुल 425 मरीज एचआईवी के पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 126 लोगों का निधन हो चुका है। वहीं, 299 मरीज एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) पर जिंदा हैं।
विभाग की तरफ से लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन, सिर्फ जानकारी देना काफी नहीं होता है। उस जानकारी को व्यावहारिक तौर पर जीवन में उतारना अनिवार्य होता है। लोगों को जागरूक करने के लिए कई एजेंसी का सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा रेड क्लबों के माध्यम से भी अभियान शुरू किया है। लोगों से आग्रह है कि विभाग की ओर से दी जा रही जानकारी को जीवन में उतारें और जीवन सुरक्षित करें। – डॉ. प्रवीण चौधरी, सीएमओ बिलासपुर