Himachal News: मंडी के थनेहड़ा मोहल्ले में जाली वसीयत बनाकर 13.25 लाख की ठगी का मामला सामने आया। कोर्ट के आदेश पर सदर थाने में FIR दर्ज हुई। 2020 में दो लोगों ने भर्तृ हरि के खाते से पैसे निकाले। पुष्पराज शर्मा ने शिकायत की। पुलिस हस्ताक्षर की जांच करेगी। आरोपितों से पूछताछ होगी। मामला धोखाधड़ी का है।
ठगी का खुलासा
पुष्पराज शर्मा के भाई भर्तृ हरि का 2020 में निधन हुआ। वह अविवाहित थे। उनके पास बैंक और डाक खातों में बड़ी राशि थी। दो लोगों ने जाली वसीयत बनाई। 2 मार्च 2020 को 5 लाख निकाले। 4 मार्च को 8.25 लाख निकाले। भाई के निधन के बाद भी ट्रांजैक्शन हुए। पुष्पराज को ठगी का पता चला। उन्होंने पुलिस में शिकायत की।
कोर्ट का हस्तक्षेप
2020 में शिकायत दर्ज हुई थी। जांच से पुष्पराज संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने मामला कोर्ट में उठाया। कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया। जाली वसीयत 5 जनवरी 2020 की बनाई गई। इसे 21 दिसंबर 2022 को प्रमाणित किया गया। कुल 13.25 लाख की ठगी हुई। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच करेगी। आरोपितों को बुलाया जाएगा।
पुलिस की कार्रवाई
एएसपी सचिन हीरेमठ ने FIR की पुष्टि की। पुलिस हस्ताक्षर की जांच करेगी। जाली वसीयत की सत्यता जांची जाएगी। 2020 की शिकायत की भी समीक्षा होगी। आरोपितों से पूछताछ होगी। धोखाधड़ी के सबूत जुटाए जा रहे हैं। पुलिस ने मामले को गंभीर बताया। ठगी की राशि की पूरी जानकारी जुटाई जाएगी। जांच में निष्पक्षता बरती जाएगी।
ठगी का तरीका
आरोपितों ने भर्तृ हरि के खाते की जानकारी हासिल की। जाली वसीयत बनाकर पैसे निकाले। 5 लाख और 8.25 लाख रुपये ट्रांसफर किए। यह धोखाधड़ी 2020 में हुई। भाई के निधन के बाद भी ट्रांजैक्शन जारी रहे। पुष्पराज ने खाते की जांच की। ठगी का खुलासा हुआ। जाली दस्तावेजों से संपत्ति हड़पने की कोशिश की गई। मामला अब कोर्ट के दायरे में है।
जनता में चिंता
यह घटना मंडी में चर्चा का विषय बनी। जाली वसीयत से ठगी ने लोगों को चौंकाया। वित्तीय धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। लोग सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग है। यह मामला संपत्ति विवादों की गंभीरता दिखाता है। प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील है।
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