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शुक्रवार, 22 सितम्बर,2023

10वीं की छात्रा ने स्कूल टीचर्स की प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या, Suicide Note से सच आया सामना

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इंटर कॉलेज की एक शिक्षिका और एक शिक्षक द्वारा मानसिक उत्पीड़न से परेशान 10वीं कक्षा की छात्रा ने सुइसाइड कर ली। घटना के 27 दिन बाद सुइसाइड नोट समाने आने के पर परिजनों ने शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। शिक्षक ने फीस के लिए उत्पीड़न किया, छात्रा को जातिवाद के ताने और फटीचर जैसी बाते सामने आई हैं। एसपी के आदेश पर दर्ज गंभीर मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार, मसौली थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर कस्बे की निवासी नसरीन बानो ने स्कूल में बेटी पर जातीय टिप्पणी, मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। शिकायत दर्ज न होने पर पीड़िता ने मंगलवार को एसपी दिनेश कुमार सिंह से कार्यवाही की गुहार लगाई थी। एसपी के हस्तक्षेप पर शहर के अजीमुद्दीन अशरफ इस्लामिया इंटर कॉलेज की एक महिला शिक्षक वस्फी खातून और तौहीद पर नगर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को केस दर्ज किया है।

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फीस की रशीद को लेकर किया था विरोध

मृतक छात्रा की मां नसरीन बानो के मुताबिक अपनी दो बेटियों का दाखिला वर्ष 2022 में शहर के सरकारी स्कूल अजीमुद्दीन अशरफ इस्लामिया इंटर कॉलेज में कराया था। वर्ष 2023 में बड़ी बेटी दसवीं कक्षा की छात्रा थी और दूसरी कक्षा 7 में पढ़ती थी। नसरीन का आरोप है कि 27 मई 2023 को कक्षा 10 में पढ़ने वाली उसकी बड़ी बेटी की टीचर वस्फी खातून ने उससे कहा कि 11 सौ रुपये फीस लेकर आना। इस पर 29 मई को उसकी बेटी द्वारा फीस जमा करने पर 939 रुपये की रसीद थमा दी। बेटी ने विरोध करते हुए कहा कि जितने की रसीद है, उतने रुपये लीजिए। यह सुनकर टीचर ने उसे फटीचर कहकर भगा दिया।

इसके बाद 23 जुलाई को अभिभावक अध्यापक एसोसिएशन के नाम पर 500 रुपये लिया, बदले में 360 रुपये की रसीद दी गई। इस बार भी बेटी ने विरोध किया तो फिर उसके साथ फिर अभद्र व्यवहार किया गया। इस पर बच्ची के चाचा ने शिक्षिका से मिलकर अभद्र व्यवहार न करने की गुजारिश की। हालांकिछात्रा द्वारा परिजनों से शिकायतों पर टीचर वस्फी खातून बुरी तरह चिढ़ गई और उसके साथ अभद्र व्यवहार पर आमादा हो गई।

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शिक्षकों के बर्ताव से आहत, सुइसाइड नोट में लिखी बातें

मृतक छात्रा की मां ने बताया कि स्कूल में हुए हर बर्ताव की जानकारी रोते हुए हम लोगों को देती थी। बेटी ने बताया कि मैम भरी क्लास में कहती थी कि तुम देहाती लोग गांव से आकर तेली, कबडिया, जुलाहा, की जगह खान पठान बन जाती हो। यह भी कहा कि आधार में खान डलवाने से ऊंची जाति की नहीं बन सकती। अगर खान होती तो टीसी में बानो क्यों दर्ज होता। अन्य कई बातें सुइसाइड नोट में लिखी गई जो पुलिस के पास है।

क्लास में किया अपमानित

इस महीने की 4 अगस्त को शिक्षिका वस्फी खातून ने फिर किसी मद के लिए पैसा मांगा, तो बेटी ने साफ इनकार कर दिया कि हम पैसा नही दे पाएंगे। इस बात पर शिक्षिका भड़क गई और उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ती हो फिर भी सौ दो सौ में फकीरी सवार है। इसी दिन (4अगस्त) को अभद्र व्यवहार के साथ होमवर्क को लेकर क्लास के बाहर खड़ा कर दिया। इसके बाद मेरी बेटी 4 अगस्त को ही स्कूल से घर आकर वस्फी टीचर की वजह से आत्महत्या कर ली।

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शिक्षक ने स्कूल में फैलाई अफवाह

नसरीन ने बताया कि बेटी की मौत के दिन से कई दिनों तक स्कूल का तौहीद नाम का टीचर स्कूल और शिक्षक समाज मे अफवाह फैलाता रहा कि उसकी बेटी की दोस्ती किसी युवक से थी। नसरीन का आरोप है कि उसकी 14 साल की बेटी के चरित्र पर दाग लगाकर सामाजिक रूप से हमारे परिवार को शर्मिंदा किया जा रहा था। नसरीन ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी ने सुसाइड नोट में खान और बानो का मामला लिखते हुए प्रिंसिपल को संबोधित पत्र लिखा है।

कई दिन बाद सामने आया सुइसाइड नोट

मां नसरीन बानो ने बताया कि घटना के कई दिन बाद सुसाइड नोट पढ़ने को मिला। इस वजह से मौत की वजह में दुविधा बनी थी। बेटी की मौत की जिम्मेदार वस्फी मैम और तौहीद सर हैं। इस बात की पुष्टि होते ही कोतवाली नगर में 17 अगस्त को तहरीर दिया था। लेकिन, जब मुकदमा दर्ज न हुआ तो एसपी साहब से गुहार लगाई। नगर कोतवाली इंस्पेक्टर संजय मौर्य ने बताया कि छात्रा की मौत में आरोपों पर धारा 306 के तहत शिकायत दर्ज कर ली गई है, जांच की जा रही है।

महत्वपूर्ण जानकारी

सभी मानसिक समस्याओं का इलाज हो सकता है। मनोचिकित्सक की मदद से आपको तुरंत मदद मिल सकती है। इसके लिए कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं, जहां आप संपर्क कर सकते हैं।

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