Easiest Password of the World: आज के युग में इंटरनेट के बिना किसी कम्प्यूटर का कल्पना तक नहीं की जा सकती है. इंटरनेट के जरिए होने वाली धोखाधड़ी और अपराधों के मामलों में भी काफी तेजी देखने को मिली है. आजकल बहुत सारे काम ऑनलाइन होने की वजह से कई संवेदनशील वेबसाइट पर लोगों के अकाउंट और पासवर्ड होते हैं. एक अध्ययन में पाया गया है कि इतनी घटनाओं के बाद लोग आज भी बहुत ही सरल पासवर्ड रखते हैं और सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाने वाला पासवर्ड अब भी 123456 है और हैकर्स के लिए इसे क्रैक करना भी बहुत ही आसान है.
अब भी आसान पासवर्ड रखते हैं लोग
आमतौर पर आंकड़ों की सुरक्षा किसी संस्थान आदि के लिए ज्यादा अहम माना जाता है. लेकिन लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि उनके कम्प्यूटर के साथ ही कई वेबसाइडट पर भी उनका अकांउट होता है और आंकड़े या केवल पासवर्ड ही चोरी होने से उन्हें खासा नुकसान भी हो सकता है. एक पासवर्ड मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर कंपनी नोर्डपास के अध्ययन में पाया है कि लोग बहुत ही सरल और आसानी से याद आने वाला पासवर्ड ही रखना पसंद करते हैं.
कितने लोग करते इसे पासवर्ड का उपयोग
कंपनी ने अलग अलग जगहों के अकाउंट का सर्वे किया जिसके अनुसार करीब 4.5 करोड़ अकाउंट में सबसे कमजोर पासवर्ड 123456 अब भी उपयोग में लाया जा रहा है, जो कि सर्वाधिक है. इतना ही नहीं दूसरे और तीसरे स्थान पर admin और 12345678 पासवर्ड का ही कब्जा है. एडमिन करीब 4 करोड़ और 12345678 करीब 1.27 करोड़ अकाउंट में उपयोग में लाया जा रहा है.
क्या है भारत की स्थिति
कंपनी इस मामले में भारत की स्थिति भी स्पष्ट की है. भारत में भी 123456 पासवर्ड सबसे ज्यादा 36 लाख लोग इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि एडमिन करीब 12 लाख अकाउंट में उपयोग में लाया जा रहा है. इस अध्ययन में कंपनी ने स्वतंत्र साइबर सिक्यूरिटी एक्पर्ट्स का भी सहयोग लिया था.
कितना समय लगता है क्रैक करने में
अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि हैकर्स इस तरह के पासवर्ड को एक सेकेंड से भी कम समय में क्रैक कर लते हैं. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम ने 6.6 टेराबाइट का डेटाबेस का विश्लेषण किया जिसमें चुराए गए पासवर्ड, रखे हुए थे. इसके लिए उन्होंने रेडलाइन, विदार, टॉरस, रैकून , एजोरल्ट,और क्रिप्टबॉट जैसे स्टीलर मालवेयर का इस्तेमाल किया था.
35 देशों के आंकड़े
इन आंकड़ों में 35 देशों पासवर्ड और स्रोत वेबसाइट को जमा करके रखे हुए थे. अध्ययन में आंकड़ों को कई शीर्षकों में बांटा जिससे देशों के आधार पर सांख्यकीय विश्लेषण किया जा सके. इस दौरान नोर्डप्रेस से यूजर्स को यह भी आश्वासन दिया है कि किसी भी तरह का निजी आंकड़ा हासिल नहीं किया जाएगा या खरीदा नहीं जाएगा.
अकाउंट सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
अध्ययन में 123456 को दुनिया का सबसे कमजोर पासवर्ड माना गया है और इस वजह से पांच बार किए गए इस तरह के अध्ययन में से चार बार में इसे सबसे आम किस्म का पासवर्ड पाया गया है. शोधकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि तकनीकी विकास के कारण पासवर्ड को क्रैक करना मुश्किल हो गया है, लेकिन इसके बावजूद मालवेयर के हमला अकाउंट सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं.
वहीं नोर्डपास ने यूजर्स से आग्रह किया है कि वे एक चटिल पासवर्ड का ही चयन करें जो कम से कम 20 कैरेक्टर का हो, जिसमें अपरकेस, लोअर केस, नंबर और संकेतों का मिश्रण हो. कंपनी ने इस बात की भी पैरवी की है कि एक ही पासवर्ड को बहुल मंचों पर उपयोग में ना लाया जाए. इससे अगर एक अकाउंट हैक हो गया तो उसका दूसरे अकाउंट पर असर का जोखिम कम रहेगा.